Khattar Kakka ke Tarang (Dahi, Choora, Chinni)

खट्टर ककाक तरंग – दही चूडा चीनी लेखक : हरिमोहन झा खट्टर कका दलान पर बैसल भाङ्ग घोटैत छलाह । हमरा अबैत देखि बजलाह – हॅं!- हॅं;….ओम्हर मरचाइ रोपल छैक, घूमि कऽ आबह। हम कहलिएन्ह – खट्टर कका, आइ जयवारी छैक, सैह सूचित करय आयल छी खट्टर कका पुलकित होइत बजलाह – वाह वाह ;

Maithili Batgavni geet

#Mithila #Maithiliबटगमनी: बाट (रस्ता) पर गमन (चलई) काल, गबय बला गीत | चलै के जे सोझे बटिया, चलले कुबटिया हे राम,आहे चलले कुबटिया हे राम। गरिये गेलैय हे, अरे गरिये गेलय हे,अंगुरि में कंटबागरिये गेलय हे, अंगुरी में कंटबा । के हम्मर कंटबा निकालत हे ननदो !के हम्मर लहरिया हरि लेतय हो राम!हो राम, के